घेराव भय का
पीडाओं का
मेरे चारों ओर
मैं भी एक मंत्री हूँ
पीड़ा विभाग का .
मेरे खुले
भू व नभ के मध्य बने
हृदय सचिवालय पर
आक्रोश
पत्थर बरसाता है
टुकुर टुकुर मेरी आँखे
भय से
भविष्य तकती रहती हैं .
कृ. प.उ.
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