Friday, June 24, 2011

आग्रह



मुझे तुम्हारा प्रेम चाहिये ,
आहें ना देना जीवन में ,
मुझे तुम्हारा साथ चाहिये'
राहें ना देना निर्जन में !

मुझे स्पर्श उषा का चाहिये,
रातों का भय मत देना,
मुझे रचने हैं गीत नये,
बासी लय मत देना !

मुझे संध्या का सौम्य चाहिये ,
दुपहरी धूप ना देना दिन में ,
मुझे तुम्हारा साथ चाहिये'
राहें ना देना निर्जन में !

जिसने जो चाहा तुमसे ,
तुम वही उसे दे देती हो,
जिसने भी दर्द दिए तुमको,
हंस हंस कर सह लेती हो,

मुझे तुम्हारा दर्द चाहिये,
साथ तुम्हारा प्रतिक्षण में ,
मुझे तुम्हारा प्रेम चाहिये ,
आहें ना देना जीवन में ,


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