मुझे तुम्हारा प्रेम चाहिये ,
आहें ना देना जीवन में ,
मुझे तुम्हारा साथ चाहिये'
राहें ना देना निर्जन में !
मुझे स्पर्श उषा का चाहिये,
रातों का भय मत देना,
मुझे रचने हैं गीत नये,
बासी लय मत देना !
मुझे संध्या का सौम्य चाहिये ,
दुपहरी धूप ना देना दिन में ,
मुझे तुम्हारा साथ चाहिये'
राहें ना देना निर्जन में !
जिसने जो चाहा तुमसे ,
तुम वही उसे दे देती हो,
जिसने भी दर्द दिए तुमको,
हंस हंस कर सह लेती हो,
मुझे तुम्हारा दर्द चाहिये,
साथ तुम्हारा प्रतिक्षण में ,
मुझे तुम्हारा प्रेम चाहिये ,
आहें ना देना जीवन में ,
No comments:
Post a Comment