Monday, June 27, 2011

मौन

                      मेरा "मौन" क्या कहता तुमसे,


तुमसे अब तक दूरी क्यों है 
मेरी प्यास अधूरी क्यों है
तुम तक रुके रुके पहुंचना
मन,हाय , ये सहता है कैसे
                मेरा "मौन" क्या कहता तुमसे


मेरे "मौन" की मौन दास्ताँ ,
है उसका तुमही  से वास्ता ,
तुमसे कहने को आकुल आतुर ,
मौन  हाय!  रहता है कैसे .
                    मेरा "मौन" क्या कहता तुमसे


नयन  जुबां  हैं  मेरे  "मौन" की
जिसमें केवल छवि  तुम्हारी
तुम न रहे सब मिट जायेगा 
घिरेगा जीवन मेरा तम से 
                    मेरा "मौन" क्या कहता तुमसे.



मैं मौन हूँ ,  नहीं  "मौन"  मेरा,
कहता अब तुम बिन कौन मेरा,
कहो न तुम भी अपने मन की ,
क्यों  हो  बैठे      गुमसुम  से,
                     मेरा "मौन" क्या कहता तुमसे

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