शूल नहीं था वह
बस एक बात थी
चुभ गयी दिल पर
साँझ की लालिमा सा
रक्त छा गया
ह्रदय पर,
और बाँझ का
एकाकीपन
आ गया .
तुममें साहस है
बोलने का
मुझमे साहस है
तुम्हारी बातों को
तोलने का
कुछ नहीं था वह
बस एक रात थी
छागयी जीवन पर
अमावस की कालिमा सा
कलंक छा गया
प्रणय पर
और शेष का
भाव
भा गया .
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