लो आया फिर पास तुम्हारे
प्यासा रहने को,
प्यास घुटन संत्रास सभी
फिर सहने को,
आँखों के सूखे आंसू जैसा,
जगती का ये नियम है कैसा?
झूम झूम भौंरा आये , आ
फूलों में छिप, घुट जाये,
उड़ उड़ फिर पतंगा आये
दीपक-लौ में झुलस जाये,
प्यासे को सूखे सावन जैसा,
जगती का ये नियम है कैसा?
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