Saturday, July 2, 2011

गुडिया

डांसिंग डॉल, डांसिंग डॉल ,         
मेरी गुडिया डांसिंग डॉल,
घर भर में रहे फुदकती 
आडीतिरछी, कभी गोल गोल,


कभी गुमसुम रहती तो 
कभी ढेरों बतियाती 
रोने को जी नहीं करता 
रोतों को कभी हंसाती 
नाच नाच मन बहलाती 
आँखे मटकाती गोल गोल 




पापा के वो बाल संवारे
मम्मी का कभी सर दबाती 
भाइयों से रहती हिलमिल 
कभी कभी पर उन्हें पटाती 
सबकी लाडली बन जाती
सर खाती कभी बोल बोल 


मेरी गुडिया डांसिंग डॉल 

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