Saturday, July 2, 2011

"याद"




तेरी याद                                                             
ज्यों
रात देर से सोया था
सुबह जल्दी उठा दिया
किसी ने


तेरी याद
जैसे
जाना था पुरानी बस में
नई चमचमाती कार
मिल गयी सफर के लिए


तेरी याद
जैसे
सूखी नदी , भूखी रेत
ऊपर उड़ते बादल


तेरी याद
बहुत दुर्गम राहें हैं
पर
पहुंचा देती हैं
सुरम्य पहाड़ियों में
धरती के स्वर्ग में..

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